प्रांताध्यक्ष चुने गए प्रकाश ठाकुर ने बढ़ाया बस्तर का मान

 प्रांताध्यक्ष चुने गए प्रकाश ठाकुर ने बढ़ाया बस्तर का मान




 प्रारंभ से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी और आदिवासी जुझारू  युवा प्रकाश ठाकुर ने पूर्व में भी जीते कई पदक

 टॉपर फॉरेस्ट गार्ड से क्षेत्राधिकारी प्रांत अध्यक्ष का सफर यूं ही नहीं रहा आसान

 चित्रकूट परिक्षेत्र अधिकारी बैकलॉग संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं 

 वन रक्षक प्रशिक्षण में टॉप किया था


 वन संघ की मांगों को लेकर सदैव तत्पर रहे

 बस्तर के आंचल में

 आदिवासी बाहुल्य बस्तर में हुनरमंद ऊर्जावान कर्मठ युवाओं की कमी नहीं जमीनी स्तर से लेकर ऊंची बुलंदियों तक के आसमान छूने का मजबूत इरादा रखने वाले ऐसे ही आदिवासी युवा है चित्रकूट रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाश ठाकुर।

फॉरेस्ट गार्ड टॉपर से लेकर रेंज परीक्षेत्र के साथ-साथ वर्तमान में छत्तीसगढ़ फॉरेस्ट रेंजर एसोसिएट एसोसिएट में निर्विरोध प्रांत अध्यक्ष चुने जाने वाले रेंज ऑफिसर प्रकाश ठाकुर का यह सफर यूं ही नहीं रहा आसान ।

 निर्विरोध चुने गए प्रांत अध्यक्ष

निर्धारित समयानुसार मुख्य निर्वाचन अधिकारी जे. जे. आचार्या, सहायक वनसंरक्षक मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवम उदय सिंह ठाकुर, सहायक वनसंरक्षक डी. के. मेहर, सहायक वनसंरक्षक, विनोद सिंह ठाकुर सहायक वनसंरक्षक राकेश चौबे एवम देवेंद्र गॉड सहायक वन संरक्षक निर्वाचन अधिकारी कि उपस्थिति में संपन्न हुआ.

 निर्विरोध चुनाव में चुने गए श्री ठाकुर

यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि रेंजर्स एसोसिएशन के नियमावली के अनुसार प्रति दो वर्ष उपरांत एसोसिएशन का चुनाव संपन्न होना आवश्यक है, इसी के अनुसार पूर्व प्रांतीय कार्यकारिणी का समय पूर्ण हो जाने के कारण रेंजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व्ही. एन. दुबे द्वारा आम सभा एवम निर्वाचन की घोषणा की गयी थी. जिसमें पुरे छत्तीसगढ़ से प्रत्येक जिले व वनमंडल से लगभग एक सौ पचहत्तर फारेस्ट रेंजरो कि उपस्थिति मे निर्वाचन प्रक्रिया के तहत प्रकाश सिंह ठाकुर प्रांतीय अध्यक्ष, मिर्जा फिरोज बेग प्रांतीय महासचिव तथा मुकेश नेताम वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष एवम अन्य प्रांतीय कार्य कारणी एवम वृत्त अध्यक्ष का भी चुनाव निर्वाचन अधिकारियो कि उपस्थिति में विधिसम्मत संपन्न हुआ.

 स्वर्ण व रजक पद से सम्मानित हैं यह रेंज अधिकारी

अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने वाले श्री ठाकुर  बस्तर जनपद के दुबे उमर गांव निवासी हैं 54 वे वनरक्षक प्रशिक्षण सत्र के दौरान इन्हें सर्वाधिक अंक प्राप्त हुए थे शुरू से ही टॉपर रहे प्रशिक्षण के दौरान वर्ष 2007 में इन्हें  स्वर्ण और आठ रजत पदक से नवाजा गया 

फॉरेस्ट गार्ड की नियुक्ति से ही वनों के संरक्षण व संवर्धन को सर्वोच्च प्राथमिकता इन्होंने दी।

एक नजर उनके कार्यकाल पर

चित्रकूट  वन परीक्षेत्र अधिकारी प्रकाश ठाकुर ने वनपाल वनरक्षक प्रशिक्षण में भी प्रथम स्थान  प्राप्त कर बस्तर को गौरवान्वित किया था। इसी कड़ी में बैकलॉग के अंतर्गत वन विभाग में चयनित उम्मीदवारों की बैठक आदिवासी विकास परिषद जगदलपुर में हुई थी जहां जिला बस्तर के अध्यक्ष पद प्रकाश ठाकुर निर्विरोध चुने गए थे बैकलॉग अंतर्गत चयनित उम्मीदवारों को 1 साल बीत जाने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं मिलने पर इन्होंने संघ के लिए कलम की लड़ाई लड़ी थी दौरान एक लाख में चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति को स्थगित किया गया था जिससे भारी रोष व्याप्त रहा अपनी मांगों के लिए वर्ष 2006 में बैकलॉग भर्ती मामले को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया और नियुक्ति की मांग की थी जिसके लिए धरना प्रदर्शन ज्ञापन और मांगे पूरी ना होने पर आमरण अनशन की चेतावनी भी दी गई थी। 1988 के पूर्व के दैनिक वेतन भोगी नियमित होने और कोर्ट के फैसले से विभाग में 5000 नियुक्तियां होने का आदेश जारी हुआ था और वन विभाग में बैकलॉग भर्ती पर लगी रोक हट गई डिवीजन बेचने विभाग को यह भी निर्देश दिए थे  कि नए पद सृजित किए जाएं

 वर्ष 2011 में आदिवासियों के 63 जमीनों की हुई बिक्री का मामला उठाया

 बस्तर जिले के बस्तर जनपद क्षेत्र के निवासी आदिवासी युवा ऑफिसर प्रकाश ठाकुर ने 2011 में आदिवासी जमीनों की खरीदी बिक्री का मुद्दा उठाया था उस दौरान 63 जमीनों की बिक्री पर रोक लगी हुई थी 63 किसानों की बिक्री पर कलेक्टर ने रोक लगा दी थी  गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासियों से खरीदी गई थी  अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों की कृषि भूमि गैर आदिवासियों के द्वारा क्रय  नहीं की जा सकती थी जिसके चलते भू राजस्व अधिनियम 1959 की धारा 172 के तहत पहले  जमीनों को डायवर्सन कराया गया और उसके बाद इसी अधिनियम की धारा 165 6 के अंतर्गत कलेक्टर की अनुमति से ही खरीदा गया।

 आदिवासी समुदाय में जन्म लेकर प्रांतीय अध्यक्ष का पद प्राप्त करना गर्व की बात है ...

ज्ञातव्य हो कि श्री ठाकुर आदिवासी समुदाय से चौथे पीढी के शासकीय आधिकारी है l

उनके पिता स्व.  घनश्याम सिंह ठाकुर एन एम डी सी बचेली में सेक्शन आफिसर उनके दादा स्व  घासी राम ठाकुर कलेक्ट्रेट में खजांची केशियर पर दादा स्व श्री शिवराज सिंह ठाकुर अंग्रेज काल में पटवारी थे l एवं कांकेर से गोंड समुदाय में जन्म लेकर बस्तर आकर बस गए थे l वर्तमान में बस्तर ब्लाक के ग्राम डुबेउमरगांव में इनकी 30 एकड़ खेती बाड़ी हैl

इनके जन्म के चार माह उपरान्त ही इनके पिता का स्वर्गवास हो गया था एवं इनकी माता  ने शिक्षिका का पद संभालते हुए  इनका पालन पोषण किया l

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