राजीव शर्मा खुशुसियत के साथ पहुंचे शहर के जामा मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों में....
राजीव ने रमजान के मुबारक महीने में बड़े ही अदब व एहतराम के साथ रोजदारों से की मुलाकात....
मुस्लिम भाईयों के बीच पहुंचकर रोजदारों के साथ इफ्तार की अदायगी कर अल्लाह से मांगी बस्तर, छत्तीसगढ़ सहित देश में अमन और शांति की दुआ....
राजीव ने कहा रमजान इबादत का महीना.....
रमजान में रोजे रखने के साथ ही जरूरतमंद लोगों को खैरात करना और मन, कर्म और वचन से पाक रहना भी निहायत जरूरी.....
राजीव शर्मा ने सभी मुस्लिम भाईयों व रोजेदारों को मस्जिदों में जाकर रमजान की मुबारकबाद देकर भाईचारे की मिसाल पेश की और अमन, शान्ति व सौहाद्र का पैगाम दिया.....
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम, वतन हिंदुस्तान हमारा....
ईदुल-फ़ित्र का त्योहार खुदा का इनाम, इत्तेहाद, इत्तेफाक के साथ भाईचारे व सौहाद्र का पैगाम, मुसर्रतों का आगाज, खुशखबरी की महक, खुशियों का गुलदस्ता, मुस्कुराहटों का मौसम, रौनक का जश्न...
राजीव शर्मा रमजान शरीफ के मुबारक़ महीने में शहर के विभीन्न मस्जिदों में जाकर रोज़ेदारों व मुस्लिम भाईयों को मुबारकबाद दी और बताया कि मुस्लिम कैलेंडर का नौवां महीना रमजान शुरू हो गया है। इस महीने में इस्लाम को मानने वाले सभी लोग रोजे रखते हैं। 30 दिन के रोजे पूरे होने के बाद सौहाद्र का पर्व ईद मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि रमजान महीने में पैगंबर मोहम्मद साहब को कुरान की आयतें उतरना शुरू हो गई थीं। पैगंबर साहब ने भी रोजे रखे थे। इसलिए इस्लाम को मानने वाले सभी लोगों के लिए रोजे रखना फर्ज माना गया है। शर्मा ने कहा कि रोजे रखने वाले व्यक्ति को कई सख्त नियमों का भी पालन करना होता है। इस महीने में रोजे के साथ ही जकात यानी दान करने का भी विशेष महत्व है। ये पूरा महीना नेकी करने का और इबादत करने का है। रोजा रखने वाले व्यक्ति को मन, कर्म और वचन की भी पवित्रता रखनी होती है। रमजान माह की इबादतों और रोजे के बाद जलवा अफरोज हुआ ईद उल-फ़ित्र (ईद-उल फितर) का त्योहार खुदा का इनाम है, मुसर्रतों का आगाज है, खुशखबरी की महक है, खुशियों का गुलदस्ता है, मुस्कुराहटों का मौसम है, रौनक का जश्न है। इसलिए ईद का चांद नजर आते ही माहौल में एक गजब का उल्लास छा जाता है।
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