भगवान चित्रगुप्त जी के प्रकटोत्सव कार्यक्रम के उपलक्ष में आज चित्रांश भवन जगदलपुर में शामिल हुए बस्तर सांसद दीपक बैज...

 भगवान चित्रगुप्त जी के प्रकटोत्सव कार्यक्रम के उपलक्ष में आज चित्रांश भवन जगदलपुर में शामिल हुए बस्तर सांसद दीपक बैज...

आज बस्तर सांसद दीपक बैज भगवान चित्रगुप्त जी के प्रकटोत्सव कार्यक्रम के उपलक्ष में लालबाग स्थित चित्रांश भवन जगदलपुर में उपस्थित होकर कायस्थ समाज के बीच चित्रगुप्त भगवान की पूजा अर्चना कर बस्तर सहित प्रदेश की खुशहाली की कामना की...

     


      समाज के द्वारा बच्चों का गायन,रंगोली,चित्रकला,नृत्य का कार्यकम रखा गया था । तत्पश्चात सांय 5 बजे समाज के सदस्यों की बाईक,स्कूटी रैली आयोजित की गई थी,इस विशाल रैली में 300 महिला,पुरुष,युवाओं ने भाग लिया । विशाल मोटर साईकिल रैली  में स्थापित पीले ध्वज ने सोने पे सुहागे का काम किया । रैली भगवान के डी जे भजनों के साथ चित्रगुप्त मंदिर से प्रारंभ होकर जयस्तंभ चौक, सीरासर चौक, दंतेश्वरी चौक ,गुरुनानक चौक, हनुमान चौक, चांदनी चौक, शहीद पार्क चौक, निर्मल विद्यालय चौक होते हुए चित्रगुप्त मंदिर में समाप्त हुई । संध्या 7 बजे की विशेष महाआरती में बस्तर के लोकप्रिय सांसद श्री दीपक बैज जी उपस्थित हुए ।आज के कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि श्री बैज ने अपने उद्बोधन में कहा की भगवान चित्रगुप्त की काया बस्तर के विकाश में कायस्थ समाज का विशेष योगदान रहा है । उन्होंने कहा की यमराज देवता तो बाद में आते है, पहले तो चित्रगुप्त भगवान ही सबका लेखा जोखा लिख लेते है। कायस्थ के बिना देश,समाज आगे नही बढ़ सकता । कायस्थ की कलम एवम दिमाग का कोई सानी नही है । प्रत्येक कार्यालय में कोई भी कायस्थ कार्यरत है तो किसी भी व्यक्ति का कार्य ईमानदारी से होता है । उन्होंने कहा की देश की दिशा और दशा कायस्थों के कंधे पे विराजित है । बस्तर के महान कवि लाला जगदलपुरी जी को याद करते हुए कहा की लाला जी कायस्थ समाज ही नही वरन बस्तर एवम छत्तीसगढ़ के गौरव थे । जो सदैव अमर रहेंगे । इस अवसर पर उनके साथ सुशील मौर्य तथा कायस्थ समाज के अध्यक्ष अर्जुन श्रीवास्तव,सचिव गजेंद्र श्रीवास्तव,कोषाध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव,सहसचिव अजय श्रीवास्तव,राज नारायण श्रीवास्तव,ओम प्रकाश श्रीवस्तान,सुरेश दलाई, नरेश दलाई, आदर्श दलाई, राजू श्रीवास्तव, संस्कार श्रीवास्तव ,दिनेश श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे ।



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