"रानी लक्ष्मीबाई वीरता और साहस की प्रतीक- सर्व ब्राह्मण समाज"
( जगदलपुर)--
रविवार को प्रात 11:00 बजे से सरयूपारीण ब्राह्मण समाज भवन में समाज के समस्त महिलाएं एकत्र होकर सर्वप्रथम रानी लक्ष्मीबाई जी के फोटो पर पुष्प हार पहनाकर एवं दीपक जलाकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया उसके पश्चात उपस्थित वक्ताओं ने रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर प्रकाश डाला ।
सर्वप्रथम समाज की महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष श्रीमती नीलम मिश्रा ने रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर आधारित प्रसिद्ध कविता बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी !खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी! के साथ अपनी बात कहते हुए रानी के अदम्य साहस, वीरता की गाथा सुनाई तथा आज भारतीय समाज की प्रत्येक महिला को रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरणा लेनी चाहिए। समाज की संरक्षिका श्रीमती शैल दुबे ने कहा कि अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह करने का साहस वह 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की पहल करने में मुख्य भूमिका रानी लक्ष्मीबाई का रहा है। ग्वालियर की अंतिम लड़ाई में अंग्रेजों ने उन्हें धोखे से घायल किया पश्चात वे वीरगति को प्राप्त हुई।
सह सचिव श्रीमती बुला चक्रवर्ती ने कहा कि आज नारी उत्थान हेतु भारत की प्रत्येक महिला को रानी लक्ष्मीबाई बनने की आवश्यकता है।
श्रीमती चंद्रकांति तिवारी ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर सर्व ब्राह्मण समाज महिला प्रकोष्ठ के इस कार्यक्रम से समस्त बेटियों एवं मातृशक्ति को नई प्रेरणा मिलेगी। श्रीमती निर्मला तिवारी ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई निडर, साहसी महिला थी और महिला होते हुए उन्होंने अंग्रेजों से विद्रोह लिया इसी प्रकार समस्त मातृ शक्तियों को आज समाज के बुरे लोगों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने की आवश्यकता है।
आज के कार्यक्रम मे सर्व ब्राह्मण समाज महिला प्रकोष्ठ से सचिव श्रीमती श्रीमती संतोष शर्मा, अंजली मिश्रा, दुर्गा अवस्थी, नीलिमा पाठक, किरण पांडे, मीना विश्वकर्मा, कुसुम लता गुप्ता, प्रभा बाजपेई, हेमलता नामदेव, नीलम पांडे, आशा आचार्य, सरिता जोशी, डाकेश्वरी पांडे आदि मातृशक्ति उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती दीप्ति तिवारी के द्वारा किया गया!
श्रीमती नीलम मिश्रा
अध्यक्ष
सर्व ब्राह्मण समाज (महिला प्रकोष्ठ )जगदलपुर ,छत्तीसगढ़
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