अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण की जिम्मेदारी जगदलपुर ए.डी.एम. को सौंपा गया
महिला समूह का सामाजिक बहिष्कार खत्म किया गया,
एस.डी.ओ.पी. थाना प्रभारी एवं सरंक्षण अधिकारी गांव पहुंचकर सामाजिक बहिष्कार खतम करेंगे।
सामाजिक बहिष्कार गैर कानूनी है, हो सकती है तीन साल की जेल और 2 लाख रूपये जुर्माना।
आदतन शिकायतकर्त्ता आवेदिका का आवेदन निरस्त महिला होने का दुरूपयोग, पुरुषों पर अत्याचार के लिये ना करें।
जगदलपुर, 23 अगस्त 2024 / छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ, किरणमयी नायक ने आज बस्तर कलेक्टर भवन प्रेरणा सभा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 271 वीं सुनवाई एवं बस्तर जिला स्तर में 7 वीं सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आयोग की पूर्व सदस्य श्रीमती बालो बघेल, अपर कलेक्टर सी. पी. बघेल, एडिश्नल एस. पी. महेश्वर नाग एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी अरूण पांडे उपस्थित थे।
आवेदिका की मां शिक्षा कर्मी 01 के पद पर जनपत पंचायत के अधीन मारकेल के स्कूल में पदस्थ थी, जिनका देहांत 2017 में हुआ था। मा के स्थान पर अनुकम्पा नियुक्ति बाबत् आवेदिका ने अपना आवेदन प्रस्तुत किया है लेकिन अब तक जनपद पंचायत की ओर से कोई प्रक्रिया का पालन अब तक नहीं किया गया है। अनावेदक की ओर से विभाग कर्मचारी उपस्थित थे. उनके कथनानुसार आवेदिका ने उनके कार्यालय में कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। आज सुनवाई पर उपस्थित ए.डी.एम. सी.पी. बघेल ने जानकारी दिया कि 2018 के पहले की जिम्मेदारी जिला पंचायत की थी लेकिन अब शिक्षा कर्मी वर्ग 1 का संलग्नीकरण 2018 में हुआ है। अतः प्रावधानों को देखकर आवेदिका को संबंधित विभाग में आवेदन करने के लिये कहा गया। प्रकरण निराकरण हेतु ए.डी.एम. जगदलपुर को जिम्मेदारी सौंपी गई उनके द्वारा आयोग को रिपोर्ट दिये जाने के बाद प्रकरण की अगली सुनवाई होगी।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उनके एक महिला समूह है जो गांव के तालाब को ठेके पर लेकर मछली पालन करते है जिसमें अनावेदकगणों ने तालाब से जबरदस्ती मछली पकड़कर ले गये जिसकी शिकायत आयोग में करने के बाद अनावेदकगणों ने आवेदिका को समाज से बहिष्कृत कर दिया और समूह के महिलाओं को 60,000 रूपये अर्थदंड स्वरूप भी मांग किया गया। आयोग द्वारा दोनों पक्षों को समझाइश दिया गया कि दिनांक28 अगस्त 2024 को संरक्षण अधिकारी एवं पुलिस निरीक्षक माधुरी नायक एवं उनकी टीम गांव में जाकर सामाजिक बहिष्कार को खत्म करायेंगे। उप सरपंच समस्त ग्रामीणजनों को उपस्थित करायेगा जहां पर गांव वाले आवेदिका महिला समूह के खिलाफ कोई भी सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया है ऐसा घोषणा करेंगे। अगर ऐसा नहीं किया गया तो पुलिस अधिकारी द्वारा तत्काल अनावेदकगणों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज किया जायेंगा। एस.डी.ओ.पी. विश्व दिपक त्रिपाठी एवं थाना प्रभारी दिलबाग सिंग द्वारा रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात् प्रकरण समाप्त किया जायेगा।
अन्य प्रकरण में आवेदिका बुजुर्ग महिला है और उसके घर पर अनावेदक जबरदस्ती कब्जा करके रखा है जबकि घर आवेदिका की पैतृक संपत्ति है। आवेदिका चाहे तो उसमें रह सकती है।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने आयोग में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि अनावेदकगणों के द्वारा उसके घर को तोड़ा गया। वास्तव में अब तक इस प्रकरण में कोई भी कार्यवाही नहीं हुआ है। आवेदिका ने बताया कि मुख्य अनावेदक रोजगार सहायक है जिसके द्वारा घर खाली करने के लिये कहा जाता है। अनावेदक का कहना था कि गांव व तहसील द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया है। इस प्रकरण में आवेदिका चाहे तो कलेक्टर जगदलपुर के पास शिकायत दर्ज करा सकती है. इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने शिकायत दर्ज कराया था कि अनावेदकगणों के द्वारा उसे शारिरिक एवं मानसिक प्रताड़ना किया जाता है परंतु सुनवाई में उपस्थित डी.एस.पी. (साईबर सेल) ने बताया कि आवेदिका आदतन गाव वालों को हमेशा फंसाते रहती है इनके वजह से पुलिस विभाग भी हमेशा परेशान रहता है। आवेदिका ने बताया कि उभय पक्ष का न्यायालय में भी प्रकरण दर्ज है, ऐसे में आयोग में प्रकरण चलाना अनुचित मानते हुये प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष को सुना गया आवेदिका शादीशुदा व्यक्ति आरक्षक क्रमांक 588 से अवैध संबंध पर है। पत्नि द्वारा विस्तार से पति व दूसरी महिला की शिकायत की है। दूसरी पत्नि को किसी भी प्रकार से हक नहीं दिया जा सकता है अतः प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक से 2 लाख 23 हजार रूपये वापस पाना शेष है। अनावेदक को थाना के माध्यम से आवश्यक रूप से उपस्थित रखा जावें। आगामी सुनवाई रायपुर में रखी जायेगी अन्यथा आवेदिका को यह निर्देश दिया जायेगा कि वह अपने बकाया ब्याज की रकम के लिये दीवानी मामला प्रस्तुत कर सकती है।
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