जगदलपुर के मीना बाजार संचालक द्वारा हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ काटा गया पीपलक पेड़ की डंगाल
बस्तर के ऐतिहासिक दशहरा जो 75 दिनों तक चलता है और जो बस्तर वासियों के लिए सबसे बड़ा मेला कहलाता है उस मेले में बाहरी व्यक्तियों के द्वारा मीना बाजार का संचालन किया जा रहा है और उनके द्वारा टिकट के रूप में बस्तर वासियों को लूटकर उन्हें कंगाल बनाया जा रहा है बस्तर के सबसे बड़े मेले में जहां आसपास के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र से लोग बड़ी मात्रा में यहां बस्तर आते हैं और अपना मनोरंजन करने के लिए कुछ समय निकालकर मीना बाजार जाते हैं वहां उनसे टिकट के नाम पर बड़ी रकम लेकर उन्हें कंगाल बनाया जा रहा है उन्हें लूटा जा रहा है उस मीना बाजार में किसी भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया गया है जबकि यह मेला बस्तर वासियों का होता है मीना बाजार संचालक के द्वारा कई नियमो का भी उल्लंघन किया जा रहा है वही आकाश झुला लगाने के लिये मिना बजार के संचालक ने बिना अनुमति के ही काट डाला पिपल पेड़ के डगाल को और एक खास बात यह है की मिना बजार के ही एक कर्मचारी ने बताया की हमारा आज तक कोई भी बीमा नही कराया गया है जिससे हमारे साथ कोई भी अप्रिय घटना घट जाती है तो हमारे परिवार को बीमा की राशी से कुछ राहत मिल सके अगर हम लोग कुछ भी बोलते है तो सिधे मालिक कहते है की तुम्हें काम से निकाल दुगाँ इसी कारण वश कोई भी कभी कुछ नही बोलता है।
वहीं छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय अध्यक्ष राजाराम तोड़ेम ने कहा कि बस्तर दशहरा को देखने पूरे परिवार के साथ दुर दराज से ग्रामीण आते हैं तथा मनोरंजन के लिए मीना बाजार भी जाते हैं जो की मीना बाजार का प्रवेश शुल्क 30 रुपए रखा गया है जो कि बस्तर के ग्रामीण
अंचल होने के कारण से बहुत ज्यादा है मीना बाजार बस्तर के ग्रामीणों को लूटने के लिए आता है तथा जो मीना बाजार में समान मिलता है वह भी घटिया किस्म का होता है और मीना बाजार के संचालन करता बस्तर से मोटी रकम कमाकर जाते हैं
(1) बाइट-दशरथ कश्यप (छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज जिला अध्यक्ष जगदलपुर बस्तर)
(2)बाइट-राजाराम तोड़ेम(छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज प्रांतीय अध्यक्ष)
बाईट - अनिल अग्रवाल स्थानिय निवासी
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